Wednesday 21 January 2015

नियमित करो हमे
आज दिल्ली में 60 लाख लोग अनियमित कॉलोनी में रहते है । आज चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा इन्ही कॉलोनी को  नियमित करना है  । 895 कॉलोनी है  दिल्ली  में जो नियमित नही है । (http://www.delhi.gov.in/wps/wcm/connect/doit_udd/Urban+Development/Our+Services/Unauthorized+Colonies+Cells+%28UC%29/List+of+895+colonies+with+maps) इससे प्रताप आंकड़े है । कॉलोनी कोई आज की नही ये कॉलोनी 1957 से है दिल्ली में । अब जरा सोचिये की ये मुद्दा कब से उठ रहा होगा और आज तक इस पर राजनीती के  अलावा कुछ  नही हुआ । लेकिन क्या आपने इन कालोनियों की तारीफ सुनी हैं जिनके नाम हैं। प्रेम नगर -2, जे ब्लॉक, किरारी सुलेमान नगर, नांगलोई, नूरनगर एक्सटेंशन,  जामिया नगर, संगम विहार, ए-ब्लॉक, नई दिल्ली-62 प्रेम नगर-2, एलएमपीक्यू, ब्लॉक, किरारी, सुलेमान नगर, नांगलोई, नई दिल्ली, शास्त्री पार्क एक्सटेंशन, (बुलंद मस्जिद), दिल्ली-53, जैतपुर एक्सटेंशन, के-ब्लॉक, बदरपुर, नई दिल्ली, वेस्ट ब्लॉक, फ्रैंड्स एनक्लेव, मुंडका, दिल्ली-41"इनकी नागरिकता वैध है, मगर घर का पता अवैध
आज मै आपको बताता इन कॉलोनी के लोगो का अपना कोई मालिकन हक़ नही है। यहाँ पर जमीनो की रजिस्ट्री भी नही होती है। यहाँ लोगो की जमीन affidavit पर बिक जाया करती है।  यहाँ की सबसे बड़ी समस्या है इन कॉलोनी का विकास जो की नियमित होने के बाद ही हो सकता है । यहाँ के लोगो को अपनी जमीन के बदले लोन नही मिल सकता। यहाँ  पानी से लेकर  सीवर  लाइन तक यहाँ पर नही है। ये दिल्ली  का हिस्सा होते हुए भी बाकी दिल्ली  से पीछे है। रजिनतिक वादो से क्या  होगा इन कॉलोनी का हमे सोचना होगा ? । अब मेरा सवाल मोदी जी से क्या मोदी जी इन लोगो को विकास नही चाहिए ?  जब तक यहाँ की कॉलोनी नियमित नही हो सकती जब तक इन कॉलोनी पर लोगो  मालिकाना हक़ नही होगा।  आपकी सरकार विकास तो करेगी तो इन्हे मालिकाना हक़ क्यों नही दे देते आप।  केन्द्र की सरकार के बिना ये कॉलोनी नियमित नही हो सकती और केंद्र सरकार कौनसा 


 कदम  उठा रही है  इस पर ?  2014 के दिसबंर में मोदी सरकार ने 1939 कालोनियों को नियमित करने का फैसला किया। इसके लिए सरकार ने नियमित करने की समय सीमा बढ़ा कर जून 2014 कर दी यानी इस समय तक जो भी जहां भी कोलनी अवैध तरीके से बसी है, सबको कानूनी मान्यता मिलेगी। 2012 में यूपीए सरकार ने भी ऐसा ही फैसला किया था कि हम प्रोविजनल सर्टिफिकेट दे रहे हैं,लेकिन इन कालोनियों की हालत वही है जो पहले थी। एक आस ही रख  सकता गरीब की ये राजनीती कब उसका भला करेगी  है 

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