आज 27 जनवरी को मेहमान जी अपने देश वापस लौटे । उनको खुश करने में मोदी जी ने कोई कसर नही छोड़ी । कपडे से लेकर सुरक्षा तक सब में खुश किया हमारे मोदी जी ने । अब सवाल मेहमान जी हमे देकर क्या गए ?
कोई कहता है की DEAL IS DONE और कोई कहता है Road Block हटा है । ये सभी बाते Nuclear को लेकर हो रही है । अब सुनिए मेहमान जी कानून में बदलाव चाहते है । वही बदलाव जो 2010 मनमोहन सिंह जी सरकार लाना चाहती थी , लेकिन उस समय में बीजेपी ने इस बदलाव खूब विरोध किया था और आज शायद वो भूल गयी । अब एक बात Hotline ये भी बहुत सुनाने में आया । अब मुझे कोई बतये ये कोनसी इतनी बाड़ी बात है जो मोदी भगत इससे बड़ी शान से बता रहे है । अब जरा Nuclear के बारे में । आज हमरे मेहमान जी हमे देकर गए है वो कुछ सालो बाद इससे छोड़ने वाले है । दुनिया के कई देश इससे छोड़ने वाले है और हमरा देश ? अब जरा सोचिये ये देश इससे क्यों छोड़ रहे है ? क्या उनको 24 घंटे बिजली नही चाहिए ? या बात कुछ और है । जरा ध्यान दीजिये कुछ बातो पर "Worldwide there have been 99 accidents at nuclear power plants. Fifty-seven accidents have occurred since the Chernobyl disaster, and 57% (56 out of 99) of all nuclear-related accidents have occurred in the USA. Serious nuclear power plant accidents include the Fukushima Daiichi nuclear disaster (2011), Chernobyl disaster (1986), Three Mile Island accident (1979), and the SL-1 accident (1961).
Nuclear-powered submarine core meltdown and other mishaps include the K-19 (1961), K-11 (1965), K-27 (1968), K-140(1968), K-429 (1970), K-222 (1980), K-314 (1985), and K-431 (1985).Serious radiation accidents include theKyshtym disaster, Windscale fire, radiotherapy accident in Costa Rica, radiotherapy accident in Zaragoza, radiation accident in Morocco, Goiania accident, radiation accident in Mexico City, radiotherapy unit accident in Thailand, and the Mayapuri radiological accident in India." यही कुछ हादसे है जिससे दुनिया इससे छोड़ना चाहती है । अब हमारे देश में Nuclear से होगा ? बिजली बनेगी शायद । अब जरा सोचिये अगर हम अपने देश में होने वाली ऊर्जा से बिजली पैदा करे तो शायद हम अच्छी और सस्ती बिजली दे पाये । मोदी जी बोलते है बिजली ऐसे कर देंगे जैसे Phone sim होती है । जैसे हमे जो पसंद आये उसी कंपनी की ले सकते है । अब एक बात Nuclear कोई छोटी - मोटी चीज़ नही जो हर कोई बना ले । अब बिजली तो Nuclear से मिलेगी हमें अब आप सोचो की कही आप कंपनी के हाथ में बांध तो नही जाओगे ? अच्छा अगर Nuclear का कोई हादसा हुआ तो कौन जिम्मेदार होगा ? अब जरा याद करो 2 -3 dec 1984 में हुए भोपाल गैस हादसा उसमे किसी को कोई मुआबजा मिला ? किसी को सज़ा हुई ? Nuclear का कचरा भी इनता जान लेवा होता है की हम उससे असानी से ख़त्म नही कर सकते । क्या हम अपने यहाँ के साधनो को सही नही कर सकते ? क्या हम सूर्य ऊर्जा और पवन चाकी का इस्तेमाल नही कर सकते ? अब जरा याद करो चीन भी अब सूर्य ऊर्जा की और जा रहा है । और आप कहा ?
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